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आज बिरसा मुंडा जयंती में राष्ट्रपति मुर्मू और प्रधान मंत्री मोदी ने आदिवासी प्रतीक को श्रद्धांजलि देने में देश का नेतृत्व किया

प्रधानमंत्री मोदी ने गर्व से कहा, ‘भगवान बिरसा मुंडा जी ने हमारी मातृभूमि के मान और सम्मान की रक्षा के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया।’

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला,राज्य सभस डेप्यूटी चेयरमैन हरिवंश नारायण सिंह स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा को उनके जन्मदिन पर याद करने के लिए एक कार्यक्रम के दौरान शुक्रवार, 15 नवंबर, 2024 को नई दिल्ली में ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाया गया। image credit ; PTI

आज बिरसा मुंडा जयंती में PM MODI:-

आज, 15 नवम्बर, 2024 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विरसा मुंडा की जयंती पर उनके योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए विभिन्न मंचों से कई महत्वपूर्ण बातें साझा की। प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष रूप से आदिवासी समुदाय की संस्कृति, इतिहास और उनके अधिकारों के संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि वीर बिरसा मुंडा ने न केवल अपनी जनजातीय पहचान को बचाने के लिए संघर्ष किया, बल्कि . समाज की स्वतंत्रता और सम्मान के लिए भी कड़ा संघर्ष किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “हमारा देश उन महान शहीदों और संतों का ऋणी है, जिन्होंने समाज में समानता और न्याय की स्थापना के लिए अपना जीवन समर्पित किया। वीर बिरसा मुंडा, जिन्हें ‘धरती आबा’ के नाम से भी जाना जाता है, उनका संघर्ष हमें प्रेरित करता है। उन्होंने आदिवासी समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी जान की आहुति दी। उनका योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य है।”

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आजादी के बाद, हमारे आदिवासी भाइयों और बहनों के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, ताकि उनकी संस्कृति, भाषा, और पारंपरिक जीवनशैली को संरक्षित किया जा सके। मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, और विकास को प्राथमिकता दी है, ताकि उनके जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में कदम उठाए जा सकें।

प्रधानमंत्री ने विरसा मुंडा के आदर्शों और उनके संघर्ष की आवश्यकता को महसूस करते हुए यह भी कहा कि “आज हम जिस भारत की कल्पना करते हैं, उसमें हर वर्ग और समुदाय को बराबरी का दर्जा मिलेगा। बिरसा मुंडा का सपना सिर्फ आदिवासी समाज की भलाई के लिए नहीं था, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक स्वतंत्र और समान समाज बनाने का था।”

प्रधानमंत्री ने विरसा मुंडा के योगदान को याद करते हुए यह भी कहा कि उनकी जयंती अब ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाई जाती है, ताकि उनके संघर्ष और बलिदान को हर एक भारतीय तक पहुँचाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि इससे न केवल आदिवासी समुदाय का सम्मान बढ़ेगा, बल्कि उनके प्रति समाज की सोच में भी बदलाव आएगा।

वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत सरकार द्वारा की गई योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि “हमारे आदिवासी समाज को सशक्त बनाने के लिए ‘प्रधानमंत्री आदिवासी कल्याण योजना’, ‘वनधन योजना’, और ‘आदिवासी विकास केंद्र’ जैसी योजनाओं को लागू किया गया है। इन योजनाओं से आदिवासी समाज को अपनी परंपराओं को बनाए रखते हुए विकास की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।”

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि अब सरकार ने आदिवासी समाज के युवाओं को रोजगार, शिक्षा और कौशल विकास के अवसर देने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, “हमने यह सुनिश्चित किया है कि आदिवासी समाज के लोग अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक हों, और उन्हें हर क्षेत्र में बराबरी का मौका मिले।”

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि आदिवासी समाज की अनूठी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और मेला आयोजनों के लिए सहायता प्रदान की है ताकि आदिवासी कला, संगीत और पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में वीर बिरसा मुंडा के योगदान को न केवल स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण बताया, बल्कि आदिवासी समाज के संघर्षों के प्रतीक के रूप में उनका नाम लिया। उन्होंने कहा, “हम सभी को बिरसा मुंडा के आदर्शों पर चलकर अपने समाज और देश को प्रगति की ओर अग्रसर करना होगा। हमें उनके संघर्ष और बलिदान से प्रेरणा लेकर उनके सपनों को पूरा करने की दिशा में काम करना होगा।”

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर भारतीय जनजातीय समुदाय को सशक्त करने के लिए सरकार की योजनाओं और पहलों को गिनाया और यह भी कहा कि “आज देश के सभी आदिवासी समुदायों के लिए विकास की कई नई राहें खुली हैं। उनके उत्थान के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और आने वाले समय में हम आदिवासी समाज के उत्थान के लिए और भी ज्यादा कदम उठाएंगे।”

आखिरकार, प्रधानमंत्री मोदी ने आदिवासी समाज से जुड़े लोगों से अपील की कि वे अपने समाज को लेकर गर्व महसूस करें और अपने इतिहास और संस्कृति पर नाज करें। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में हर व्यक्ति को समान अवसर मिलें, और वह किसी भी प्रकार के भेदभाव से मुक्त होकर अपने सपनों को पूरा कर सके।

इस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके संघर्ष, उनके योगदान, और उनकी विचारधारा को उजागर किया। साथ ही, उन्होंने आदिवासी समाज के कल्याण के लिए सरकार की योजनाओं को और भी सशक्त बनाने का संकल्प लिया।

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